नशा मुक्त समाज का निर्माण करें
आचार्य वृद्धाश्रम से हाउसिंग बोर्ड पहुंचे जहां मानव सेवा संस्था द्वारा संचालित तथागत प्राथमिक विद्यापीठ में उन्होंने विद्यार्थियों एवं नागरिकों को प्रवचन दिए। आचार्य ने कहा कि तथागत विद्यालय के बच्चों को नैतिक शिक्षा देकर देश के भावी कर्णधार बनाएं ताकि आगे चलकर भारत का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से कहा कि शहर में तंबाकू एवं धूम्रपान के विरोध में अभियान चलाकर स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
नशामुक्ति का अभियान रखेंगे अनवरत : कलेक्टर
कलेक्टर नीरज के.पवन ने आचार्य के पाली प्रवास करने पर आभार जताते हुए कहा कि पाली जिले में आपकी प्रेरणा से जो नशा मुक्ति समाज सुधार का कार्य अनवरत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आचार्य द्वारा चलाया गया नशा मुक्ति अभियान वर्तमान की पहली आवश्यकता है।
वृद्ध अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करें
आचार्य महाश्रमण सोमवार को सुबह सात बजे वी डी नगर से विहार कर गुमटी स्थित कोठारी फार्म हाउस पहुंचे। इससे पहले वे सेवा समिति द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी गए तथा वहां उपस्थित वृद्धों से मिले। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम वृद्धों का आश्रय स्थल होता है। इसमें आदमी की चित्त समाधि रहनी चाहिए। उनको गुस्सा, तनाव आदि नहीं आना चाहिए। वृद्ध लोग अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करें तथा साथ में त्याग-तपस्या आदि का भी क्रम बनाएं।
आचार्य वृद्धाश्रम से हाउसिंग बोर्ड पहुंचे जहां मानव सेवा संस्था द्वारा संचालित तथागत प्राथमिक विद्यापीठ में उन्होंने विद्यार्थियों एवं नागरिकों को प्रवचन दिए। आचार्य ने कहा कि तथागत विद्यालय के बच्चों को नैतिक शिक्षा देकर देश के भावी कर्णधार बनाएं ताकि आगे चलकर भारत का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से कहा कि शहर में तंबाकू एवं धूम्रपान के विरोध में अभियान चलाकर स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
नशामुक्ति का अभियान रखेंगे अनवरत : कलेक्टर
कलेक्टर नीरज के.पवन ने आचार्य के पाली प्रवास करने पर आभार जताते हुए कहा कि पाली जिले में आपकी प्रेरणा से जो नशा मुक्ति समाज सुधार का कार्य अनवरत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आचार्य द्वारा चलाया गया नशा मुक्ति अभियान वर्तमान की पहली आवश्यकता है।
वृद्ध अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करें
आचार्य महाश्रमण सोमवार को सुबह सात बजे वी डी नगर से विहार कर गुमटी स्थित कोठारी फार्म हाउस पहुंचे। इससे पहले वे सेवा समिति द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी गए तथा वहां उपस्थित वृद्धों से मिले। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम वृद्धों का आश्रय स्थल होता है। इसमें आदमी की चित्त समाधि रहनी चाहिए। उनको गुस्सा, तनाव आदि नहीं आना चाहिए। वृद्ध लोग अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करें तथा साथ में त्याग-तपस्या आदि का भी क्रम बनाएं।
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