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अनुकम्पा की चेतना का हो विकास : आचार्य महाश्रमण महेश्वरी समाज को संबोधित करते हुए
अनुकम्पा की चेतना का हो विकास : आचार्य महाश्रमण महेश्वरी समाज को संबोधित करते हुए
बालोतरा. १७ मई २०१२. जैन तेरापंथ न्युज ब्योरो संवाददाता संजय मेहता
आज प्रात: पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण स्थानीय माहेश्वरी पंचायत भवन पधारे. समस्त महेश्वरी समाज उनके स्वागत अभिनन्दन में पलक पावडे बिछाए उपस्थित था. आचार्य श्री ने अपने उद्बोधन में फ़रमाया कि - "अनुकम्पा की चेतना के विकास हेतु चार चीजे महत्वपूर्ण है- आजीविका स्त्रोत में नैतिकता व इमानदारी, अहिंसा पालन, संयम एवं नशामुक्ति, दैनिक चर्या में साधना हेतु समय प्रबंधन." व्यक्ति को व्यापर में ईमानदार रहना चाहिए, दैनिक जीवन में अहिंसा अपनानी चाहिए, व्रतो को ग्रहण करना चाहिए एवं नशामुक्त जीवन जीना चाहिए, और आध्यात्म के लिए समय निकालना चाहिए.
इस अवसर पर माहेश्वरी समाज की ओर से श्री रमेश टावरी ने अपनी श्रद्धा भावनाये रखी. आचार्यश्री के एक बार पूछने पर ही अनेको महेश्वरी युवको-वृद्धो ने तुरंत नशा छोड़ने का संकल्प ले लिया. विदित हो कि कल ही महेश्वरी समाज के प्रतिनिधियों ने गुरुदेव के समक्ष पधारने की अर्ज की थी एवं करुना निधान आचार्य श्री महाश्रमण ने उनकी अर्ज को मान देकर आज प्रात: ही पंचायत भवन पधार गए. इससे माहेश्वरी समाज काफी उत्साहित नजर आया.
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