Jun 13, 2012

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आचार्य तुलसी एवं महाप्रज्ञ है कालूगणी का अवदान

छापर. (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो के लिए संजय मेहता की रिपोर्ट)
भिक्षु साधना केंद्र में मंगलवार को सेवा केंद्र व्यवस्थापक मुनि सुमेरमल सुदर्शन के सानिध्य में हुए कार्यक्रम में लाडनूं से आए शासन गौरव मुनि धंनजय कुमार का अभिनंदन किया गया।
नचिकेता मुनि अनुशासन कुमार के मंगलपाठ से शुरू हुए कार्यक्रम में शासन गौरव मुनि ने कहा कि छापर एक तीर्थ भूमि है, जहां धर्मसंघ के अष्टमाचार्य कालूगणी का जन्म हुआ। उन्होंने धर्मसंघ के दो युग प्रधान आचार्य तुलसी व महाप्रज्ञ को कालूगणी की देन बताते हुए सेवा केंद्रों को तीर्थ के समान बताया। आचार्य महाप्रज्ञ के साहित्यों का संपादन करने वाले मुनि धंनजय ने कहा कि सेवा का जीवन में जितना मूल्य होता है, उतना किसी अन्य वस्तु का नहीं। ज्ञानी व ध्यानी महान होते है, लेकिन उनसे भी महान सेवा करने वाला होता है। केंद्र व्यवस्थापक ने कहा कि मुनि धंनजय ने आचार्य महाप्रज्ञ के साहित्यों का संपादन कर धर्म संघ की बहुत बड़ी सेवा की है। मुनि सुधांशु कुमार ने शासनश्री मुनि सुमेरमल सुदर्शन से लाडनूं आकर वहां के श्रावक समाज को लाभान्वित करने की बात कहीं। इससे पूर्व तेरापंथ धर्मसंघ के जनसंपर्क प्रभारी मुनि जयंत कुमार ने सेवा केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर मुनि तंमय कुमार, तेरापंथ सभा के प्रवक्ता प्रदीप सुराणा, रणजीत दूगड़, तेयुप के चमन दुधोडिय़ा व महिला मंडल की मंत्री मंजू देवी दुधोडिय़ा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सुजानगढ़ तेरापंथ सभाध्यक्ष पृथ्वीराज बाफना, मंत्री विजयसिंह बोरड़ व विमल दुधोडिय़ा आदि उपस्थित थे।
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