बीकानेर। तेरापंथ महिला मण्डल एवं तेरापंथ युवक परिषद गंगाशहर के संयुक्त तत्वावधान में मुनि राजकरण, मुनि नगराज के सान्निध्य में ‘प्रतिक्रमण प्रशिक्षण कार्यशालाÓ का आयोजन तेरापंथ भवन गंगाशहर के प्रज्ञा समवसरण में किया गया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता युवक रत्न राजेन्द्र सेठिया थे एवं प्रशिक्षक उपासक सूर्यप्रकाश सामसुखा थे। कार्यशाला की शुरुआत महिला मण्डल के मंगलाचारण के साथ हुई। महिला मण्डल अध्यक्ष संतोष बोथरा ने स्वागत व परिचय दिया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुनि राजकरण ने कहा कि ‘प्रतिकमण पापों के शोधन की प्रक्रिया है और जैन साधना की विशिष्ट पद्धति है यह प्रतिक्रमण द्रव्य रूप में नहीं भाव प्रतिक्रमण होना चाहिए।Ó सभी प्रशिक्षणार्थियों को चाहिए कि वे निरन्तर इसका प्रयोग करें। चिन्तन मनन करें तथा अपने किसी भी अकरणीय कार्यों के लिए प्रतिक्रमण के माध्यम से प्रायश्चित स्वीकारें।Ó कार्यशाला के मुख्य वक्ता राजेन्द्र सेठिया युवक रत्न ने कहा कि जैन अगमों के आधार पर प्रतिक्रमण ६ आवश्यकों में से महत्वपूर्ण आवश्यक है। यह एक आध्यात्मिक ही नहीं वैज्ञानिक पद्धति भी है जिससे व्यक्ति सहज, सरल विनम्र व संयमी बनता है। कार्यशाला के प्रशिक्षक उपासक सूर्य प्रकाश सामसुखा ने कहा कि हर व्यक्ति की आत्मा का नैसर्गिक स्वभाव मैत्री, प्रेम, करुणा व समता है, लेकिन विभिन्न कारणों आत्मा में क्रोध लोभ, मान, माया आदि का समावेश होने से यह स्वभाव ‘विभावÓ में परिवर्तित हो जाता है। मूलरूप से विभाव से स्वभाव की ओर लौटने की प्रक्रिया का नाम ही प्रतिक्रमण है। कार्यशाला के दौरान मुनिश्री श्रेयांस कुमार ने गीतिका व मुनिश्री पीयूष कुमार तथा मुनिश्री मलयज कुमार ने अपने वक्तव्य से प्रतिक्रमण के महत्व पर प्रकाश डाला। आंगतुकों के लिए अभिनंदन पत्र का वाचन तेयुप के उपाध्यक्ष मनोज सेठिया ने किया। अतिथियों व किट सौजन्यकर्ता ईमानमल बोथरा का सम्मान पानमल नाहटा, राजेन्द्र बोथरा, संतोष बोथरा, धर्मेन्द्र डाकलिया, मधु छाजेड़ ने किया। विभिन्न परीक्षाओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली महिला मण्डल सदस्यों का मोमेंटों भेंटकर सम्मान राजेन्द्र सेठिया व सूर्यप्रकाश सामसुखा ने किया। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राजेन्द्र बोथरा ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री मनीषा बाफना ने किया। कार्यशाला को सफल बनाने में कार्यशाला प्रभारी शारदा बैद, अरिहन्त नाहटा, जयश्री भूरा, मनीष छाजेड़ का योगदान रहा। तेरापंथ दर्शन परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली संगीता भंसाली का सम्मान किया गया। आगामी चरणा में संभागियों ने राजेन्द्र सेठिया व सूर्यप्रकाश सामसुखा ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
Aug 12, 2012
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गंगाशहर : प्रतिक्रमण प्रशिक्षण कार्यशाला August 5th, 2012
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