Apr 30, 2011

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मानवता के मसीहा थे आचार्य महाप्रज्ञ-साध्वी सूरजकुमारी


मानवता के मसीहा थे आचार्य महाप्रज्ञ-साध्वी सूरजकुमारी
मुंबई 30 APRIL 2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो )

तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टमाचार्य कालुगणी के कर कमलों द्वारा दस वर्ष की अल्पायु में दीक्षित एवं गणाधिपति गुरुदेव तुलसी के हाथों गढा हुआ एक अनमोल रत्न आज से  ठीक एक वर्ष पूर्व वैशाख कृष्णा एकादशमी के दिन सरदार शहर  की पावन भूमि पर अनंत में विलिन हो गया। वह महामानव था। कांदिवली में महातपस्वी आचार्य श्री महाप्रज्ञ की पुण्य तिथि मनायी गयी।
साध्वी साधनाश्रीजी द्वारा मंत्रोच्चार से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मंगलाचरण महिला मंडल की बहनों द्वारा किया गया। साध्वी श्री समतिश्री ने प्रस्तुति करते हुए दिव्य पुरुष बताया साघ्वी श्री जागृतयशाजी ने पूज्य प्रवर द्वारा कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला।

ज्ञानशाला व कन्या मंडल के बच्चों  ने अपनी रोचक प्रस्तुति साध्वीवरां के सहयोग से दी।
गायक रवी जैन एवं संघ  गायिका श्रीमति मिनाक्षी भुतोडिया ने अपनी स्वर लहरियों से श्रद्धांजलि व्यक्त एवं एक गीत के माध्यम से प्रस्तुत की। जमना धाकड,वनिता मुथा, कविता व लीला सालेचा ने व्यक्तव्य द्वारा अपनी भावना ्व्यक्त की। साध्वी वितलप्रभा ने आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा दिये गये अवदान प्रेक्षाध्यान जीवन विज्ञान की चर्चा करते हुए इन अवदान से अपने जीवन को प्रकाशमय बनाने की प्रेरणा प्रदान की साथ ही जिनवाणी के परम एवं प्रबल उपासक के ज्वाल मुनि जीवन के रोचक प्रसंगो की विवेचना की। साध्वी साधनाश्रीजी ने अपने मंगलमय उदबोधन में आपको मानवता के मसीहा कहते हुए काशी विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा एवं मुंबई में दिये प्राकृत भाषा में धारा प्रवाह वकत्व्य पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की संयोजना में जैन Ÿवेतांबर तेरापंथ सभा- मुंबई तेरापंथ युवक परिषद कांदिवली- मालाड, कांदिवली  एवं मालाड महिला मंडल- मुंबई,तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन  के कार्यकताओं का अथक परिश्रम लगा।

http://pratahkal.com/2010-12-19-03-36-11/294-mumbai/6792-2011-04-30-03-57-13.html
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