अहिंसा यात्रा का राणकपुर प्रवेश पर जोरदार स्वागत
सादड़ी २६ फरवरी २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मारवाड़-मेवाड़ का संगमस्थल रणकपुर जैन तीर्थ स्थल पर रविवार को अहिंसा यात्रा के अग्रदूत व तेरापंथ जैन समाज के प्रमुख संत आचार्य महाश्रमण का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। मेवाड़ के रास्ते होकर मारवाड़ की धरा पर जैसे ही आचार्य का प्रवेश हुआ तो उनके स्वागत में पूरा माहौल जयकारों से गूंज उठा। उनके आगमन को लेकर समूचा जनसमूह उत्साह से सराबोर नजर आया। सादड़ी कस्बे में कहीं पुष्पवर्षा से उनका स्वागत हुआ तो कहीं उनके सम्मान में मंगलगान से श्रावक नतमस्तक दिखे।
आचार्य महाश्रमण के पाली जिले में मंगल प्रवेश को यादगार बनाने के लिए पिछले काफी दिनों से तैयारियां चल रही थीं। समूचे जैन समाज के अलावा छत्तीस कौम के लोग उनके स्वागत में पलक-पांवड़े बिछाने को आतुर थे। रविवार सुबह से ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से श्रावकों का आना शुरू हो गया था। उदयपुर-पाली की सीमा पर आबाद रणकपुर तीर्थ स्थल पर हजारों की भीड़ के बीच जैसे ही आचार्यश्री ने अपने संघ के साथ मारवाड़ की सीमा में प्रवेश किया, तो पूरा माहौल मंगलमय हो गया। इस दौरान आचार्य का आशीर्वाद लेने लोग उमड़ पड़े। इस बीच कलेक्टर नीरज कुमार पवन, एएसपी प्रसन्नचंद खमेसरा, रणकपुर पेढ़ी के प्रबंधक प्रेमजी टांक व मनोज कुमार शाह समेत कई जनप्रतिनिधियों ने उनकी अगवानी की।
अनासक्त जीवन जिएं : गृहस्थ जीवन में साधु की तरह रहते हुए अनासक्त जीवन जीने का प्रयास करें। बंधन मुक्त मार्ग ही हमें मोक्ष की ओर ले जाता है। यह उद्गार तेरापंथ संप्रदाय के प्रमुख संत आचार्य महाश्रमण ने रणकपुर जैन मंदिर के सभाभवन में प्रवचन में व्यक्त किए । वे रविवार को अहिंसा यात्रा के मेवाड़ से मारवाड़ में प्रवेश के बाद रणकपुर जैन मंदिर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें व्यसन मुक्त रहकर धर्म की साधना करनी चाहिए। नशा मुक्त समाज से ही प्रदेश व देश का उत्थान होगा । महाश्रमण ने कहा कि मेरे गुरू आचार्य भिक्षु की कर्म भूमि मेवाड़ है और मारवाड़ जन्म, दीक्षा, ससुराल व महाप्रयाण की पवित्र भूमि है। आज मुझे खुशी है कि मुझे मेरे गुरू महाप्रज्ञ द्वारा शुरू की गई अहिंसा व शांति की यात्रा को पूरा करने का अवसर मिला। इस मौके पर साध्वी कनकप्रभा ने कहा कि आचार्यश्री की पाली यात्रा मारवाड़ मेवाड़ का संगम स्थली बनेगी। समाज को खूबसूरत बनाने से पहले हमें खुद का खूबसूरत बनना होगा। मनुष्य के पास वर्तमान में ज्ञान विज्ञान बहुत है।
लेकिन वह इंसानियत खोता जा रहा है। उन्होंने यात्रा की सफलता के लिए नागरिकों से घर घर अहिंसा व शांति का संदेश पहुंचाने का आग्रह किया। कलक्टर नीरज के पवन ने कहा कि आचार्यश्री की अहिंसा यात्रा से जिलेभर को शांति का संदेश मिलेगा। उन्होंने यात्रा दौरान सभी ग्राम में सभी व्यवस्थाएं पुख्ता करने की बात भी कही। अपर पुलिस अधीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने कहा कि आचार्यश्री की अहिंसा यात्रा से लोगों में अनुशासन व शांति का प्रसार प्रचार होगा। इस अवसर पर रणकपुर पेढ़ी प्रबंधक प्रेमराज टांक ने आचार्यश्री को मंदिर के इतिहास से अवगत करवाया। इस अवसर पर मनोज शाह, सुरेश संघवी, भूपेन्द्र ने आचार्य महाश्रमण का स्वागत किया।
सादड़ी २६ फरवरी २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मारवाड़-मेवाड़ का संगमस्थल रणकपुर जैन तीर्थ स्थल पर रविवार को अहिंसा यात्रा के अग्रदूत व तेरापंथ जैन समाज के प्रमुख संत आचार्य महाश्रमण का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। मेवाड़ के रास्ते होकर मारवाड़ की धरा पर जैसे ही आचार्य का प्रवेश हुआ तो उनके स्वागत में पूरा माहौल जयकारों से गूंज उठा। उनके आगमन को लेकर समूचा जनसमूह उत्साह से सराबोर नजर आया। सादड़ी कस्बे में कहीं पुष्पवर्षा से उनका स्वागत हुआ तो कहीं उनके सम्मान में मंगलगान से श्रावक नतमस्तक दिखे।
आचार्य महाश्रमण के पाली जिले में मंगल प्रवेश को यादगार बनाने के लिए पिछले काफी दिनों से तैयारियां चल रही थीं। समूचे जैन समाज के अलावा छत्तीस कौम के लोग उनके स्वागत में पलक-पांवड़े बिछाने को आतुर थे। रविवार सुबह से ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से श्रावकों का आना शुरू हो गया था। उदयपुर-पाली की सीमा पर आबाद रणकपुर तीर्थ स्थल पर हजारों की भीड़ के बीच जैसे ही आचार्यश्री ने अपने संघ के साथ मारवाड़ की सीमा में प्रवेश किया, तो पूरा माहौल मंगलमय हो गया। इस दौरान आचार्य का आशीर्वाद लेने लोग उमड़ पड़े। इस बीच कलेक्टर नीरज कुमार पवन, एएसपी प्रसन्नचंद खमेसरा, रणकपुर पेढ़ी के प्रबंधक प्रेमजी टांक व मनोज कुमार शाह समेत कई जनप्रतिनिधियों ने उनकी अगवानी की।
अनासक्त जीवन जिएं : गृहस्थ जीवन में साधु की तरह रहते हुए अनासक्त जीवन जीने का प्रयास करें। बंधन मुक्त मार्ग ही हमें मोक्ष की ओर ले जाता है। यह उद्गार तेरापंथ संप्रदाय के प्रमुख संत आचार्य महाश्रमण ने रणकपुर जैन मंदिर के सभाभवन में प्रवचन में व्यक्त किए । वे रविवार को अहिंसा यात्रा के मेवाड़ से मारवाड़ में प्रवेश के बाद रणकपुर जैन मंदिर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें व्यसन मुक्त रहकर धर्म की साधना करनी चाहिए। नशा मुक्त समाज से ही प्रदेश व देश का उत्थान होगा । महाश्रमण ने कहा कि मेरे गुरू आचार्य भिक्षु की कर्म भूमि मेवाड़ है और मारवाड़ जन्म, दीक्षा, ससुराल व महाप्रयाण की पवित्र भूमि है। आज मुझे खुशी है कि मुझे मेरे गुरू महाप्रज्ञ द्वारा शुरू की गई अहिंसा व शांति की यात्रा को पूरा करने का अवसर मिला। इस मौके पर साध्वी कनकप्रभा ने कहा कि आचार्यश्री की पाली यात्रा मारवाड़ मेवाड़ का संगम स्थली बनेगी। समाज को खूबसूरत बनाने से पहले हमें खुद का खूबसूरत बनना होगा। मनुष्य के पास वर्तमान में ज्ञान विज्ञान बहुत है।
लेकिन वह इंसानियत खोता जा रहा है। उन्होंने यात्रा की सफलता के लिए नागरिकों से घर घर अहिंसा व शांति का संदेश पहुंचाने का आग्रह किया। कलक्टर नीरज के पवन ने कहा कि आचार्यश्री की अहिंसा यात्रा से जिलेभर को शांति का संदेश मिलेगा। उन्होंने यात्रा दौरान सभी ग्राम में सभी व्यवस्थाएं पुख्ता करने की बात भी कही। अपर पुलिस अधीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने कहा कि आचार्यश्री की अहिंसा यात्रा से लोगों में अनुशासन व शांति का प्रसार प्रचार होगा। इस अवसर पर रणकपुर पेढ़ी प्रबंधक प्रेमराज टांक ने आचार्यश्री को मंदिर के इतिहास से अवगत करवाया। इस अवसर पर मनोज शाह, सुरेश संघवी, भूपेन्द्र ने आचार्य महाश्रमण का स्वागत किया।
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