Mar 11, 2012

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जीवन में साधना जरूरी : आचार्य श्री महाश्रमण


जीवन में साधना जरूरी : आचार्य श्री महाश्रमण
अहिंसा रैली का कोट सोलंकियान व पनोता में जगह-जगह हुआ स्वागत

पनोता १० मार्च २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सिरियारी

आचार्य महाश्रमण ने कहा कि सच्चा अणुव्रत वहीं है, जिसमें मनुष्य असत्य का त्याग कर जीवन में नैतिकता व अहिंसा के भावों को सहेजता है। साधना के बिना मनुष्य जीवन का विकास नहीं हो सकता। आचार्य शुक्रवार को कोट सोलंकियान व पनोता में अहिंसा रैली के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए अनासक्ति जीवन, जीवन जीने के प्रयास करें जो बंधन मुक्त है। यहीं मार्ग हमें मोक्ष की ओर ले जाता है।

इससे पूर्व अहिंसा रैली का कोट सोलंकियान व पनोता में सरपंच पार्वती सोनी, पनोता उप सरपंच डूंगरसिंह सोलंकी, पंचायत समिति सदस्य राजेंद्र सोनी, बाबूलाल जैन, केवलचंद मांडोत, अमृतलाल खांटेड़, फतेहचंद सोलंकी, विजयराज जैन, रूपचंद खांटेड़, निहालचंद पुनमिया ने आचार्य सहित मुनिवृंदों का स्वागत किया। अहिंसा रैली में देश-प्रदेश से आए श्रावक-श्राविकाओं ने संघ गणवेश में हिस्सा लेकर विश्व शांति का संदेश दिया।
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