बनेगा गौ सेवा आयोग: सीएम
Thursday, 05 Apr 2012 9:58:46 hrs IST
Thursday, 05 Apr 2012 9:58:46 hrs IST
बेंगलूरू । राज्य सरकार गायों की रक्षा के लिए जल्द ही गौ सेवा आयोग का गठन करेगी। इसके साथ ही संशोघित गो हत्या निषेध विधयेक विधानमंडल के अगले अघिवेशन में पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने बुधवार को फ्रीडम पार्क में आयोजित भगवान महावीर के 26 11 वें जन्म कल्याणक महोत्सव समारोह को संबोघित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण और गायों की सेवा के लिए सरकार गौ सेवा का आयोग गठन जल्द ही करेगी। आयोग के लिए चालू वित्त वर्ष के बजट में प्रावधान भी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय की रक्षा हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति में गाय को पूजनीय माना गया है,इसलिए सरकार ने गौ हत्या निषेध विधेयक को पारित किया था। लेकिन राष्ट्रपति भवन ने इस विधेयक पर कुछ स्पष्टीकरण मांगें हैं और केेद्र सरकार ने कुछ सुझाव भी दिए हैं।
केंद्र सरकार के सुझावों के अनुसार संशोघित गौ हत्या निषेध विधेयक विधानमंडल के अगले अघिवेशन में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली बार बीएस येçaयूरप्पा की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने विपक्ष के बहिर्गमन के बीच विधेयक को विधानमंडल से पारित कराया था। लेकिन इस बार कांग्रेस ने भी विधेयक का समर्थन करने की घोषणा की है।
कांग्रेस करेगी गोहत्या निषेध विधेयक का समर्थन
समारोह में भाग लेते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डॉ जी परमेश्वर ने कहा कि संविधान में ही गौ रक्षा का प्रावधान है।
कांगे्रस भी गो हत्या निषेध विधेयक की पक्षधर है, लेकिन कांग्रेस ने दूसरे समुदायों की भावनाओं को देखते हुए इसमें कुछ संशोधन सुझाए थे, जिन्हें अब सरकार मानने के लिए राजी है। परमेश्वर ने कहा कि कांग्रेस सदन में संशोघित विधेयक आने पर उसका समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा कि हिंदू, सिख, जैन तथा बौद्ध धर्म ने विश्व को शांति का संदेश दिया है। भगवान महावीर ने दूरदृष्टि के साथ दो हजार वर्ष से भी पहले ही विश्व को शांति तथा अहिंसा के पथ पर चलने का संदेश दिया था। सदियों से इस देश में धर्म सभी क्षेत्रों से ऊपर रहा है। इसलिए इस समारोह में भी सभी राजनीतिक दलों के नेता राजनीतिक मतभेदों को भूलकर उपस्थित हंै।
वर्तमान को 'वर्धमान' की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोघित करते हुए कहा कि 2600 वर्ष पहले भगवान महावीर के दिए अहिंसा, शांति विश्वास, बंधुत्व के संदेश की आज विश्व को सब से अधिक आवश्यकता है। वर्धमान के हजारों वर्ष पहले दिए गए इन संदेशों की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है।
उन्होंने कहा कि यांत्रिकता के इस युग में विश्व में वित्त संग्रहण की होड़ में भावनात्मक संबंधों का ह्रास हो रहा है। केवल सत्ता या वित्त संग्रहण हमें मानसिक शांति नहीं दे सकते, मानसिक शांति के लिए हमें भगवान महावीर केअहिंसा, शांति तथा बंधुत्व के पथ पर ही चलना होगा।
धर्म की नींव पर खड़ा जीवन ही हमें आत्मज्ञान तथा सत्य के अन्वेषण की राह पर अटल और अडिग रख सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के संदेशों के साथ ही महात्मा गांधी की ने आजादी की जंग लड़ी थी। कासं
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