औद्योगिक नगरी में आए 'तेरापंथ के राम'
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प्राणी मात्र के प्रति प्रेम से ही अनेकता में एकता'
बालोतरा २३ अप्रेल २०१३ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण के औद्योगिक नगरी में प्रवेश करते ही छतरियों का मोर्चा पर मुस्लिम समाज की ओर से उनका भावभीना अभिनंदन किया गया। वहां एक मुस्लिम युवक ने उनके स्वागत में कुछ पंक्तियां सुनाई, 'काला धन-घोर अंधेरा छंट जाएगा, दया धर्म का उजाला जगमगाएगा, मिलेंगे संसार के सारे सुख-खुशियां उसको, जो गुरू महाश्रमण के पथ पर चल जाएगा। इस पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने 'ओउम अर्हम' के साथ युवक की बात का अनुवाद किया। मुस्लिम समाज की भावनाएं देखकर आचार्य की भी आंखें डबडबा आई। मोमडन युवा ग्रुप के अध्यक्ष नसीर चडवा, उपाध्यक्ष नसरुद्दीन सुमरो, रफीक चडवा, मोहसीन टाक, युसुफ भाई सहित मुस्लिम धर्मावलंबियों ने आचार्य की अगुवानी की। इसके बाद नये तेरापंथ भवन में मुस्लिम धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न भाषा-धर्म के लोग रहते हैं। आचार्य ने कहा कि अनेकता में एकता तभी रह सकती है जब प्राणी मात्र के प्रति प्रेम का भाव हो। ईश्वर से भी बड़ी पूजा मानव मात्र के प्रति प्रेम भाव रखना है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने व्यक्ति को स्वयं के आचरण से किसी को भी दुखी नहीं करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में मौलाना फयाज मोहम्मद, शेर मोहम्मद, गुप्तराज कोठारी, मुस्लिम समाज अध्यक्ष अनवर हाडा ने अपने विचार की अभिव्यक्ति दी। संचालन सफरू खां ने किया।
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प्राणी मात्र के प्रति प्रेम से ही अनेकता में एकता'
बालोतरा २३ अप्रेल २०१३ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण के औद्योगिक नगरी में प्रवेश करते ही छतरियों का मोर्चा पर मुस्लिम समाज की ओर से उनका भावभीना अभिनंदन किया गया। वहां एक मुस्लिम युवक ने उनके स्वागत में कुछ पंक्तियां सुनाई, 'काला धन-घोर अंधेरा छंट जाएगा, दया धर्म का उजाला जगमगाएगा, मिलेंगे संसार के सारे सुख-खुशियां उसको, जो गुरू महाश्रमण के पथ पर चल जाएगा। इस पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने 'ओउम अर्हम' के साथ युवक की बात का अनुवाद किया। मुस्लिम समाज की भावनाएं देखकर आचार्य की भी आंखें डबडबा आई। मोमडन युवा ग्रुप के अध्यक्ष नसीर चडवा, उपाध्यक्ष नसरुद्दीन सुमरो, रफीक चडवा, मोहसीन टाक, युसुफ भाई सहित मुस्लिम धर्मावलंबियों ने आचार्य की अगुवानी की। इसके बाद नये तेरापंथ भवन में मुस्लिम धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न भाषा-धर्म के लोग रहते हैं। आचार्य ने कहा कि अनेकता में एकता तभी रह सकती है जब प्राणी मात्र के प्रति प्रेम का भाव हो। ईश्वर से भी बड़ी पूजा मानव मात्र के प्रति प्रेम भाव रखना है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने व्यक्ति को स्वयं के आचरण से किसी को भी दुखी नहीं करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में मौलाना फयाज मोहम्मद, शेर मोहम्मद, गुप्तराज कोठारी, मुस्लिम समाज अध्यक्ष अनवर हाडा ने अपने विचार की अभिव्यक्ति दी। संचालन सफरू खां ने किया।
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