२३ अप्रेल २०१३ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो -समृधि नाहर
जैन विश्वभारती की ओर से आयोजित आगम मंथन प्रतियोगिता का परिणाम सोमवार को घोषित किए गए।
इस मौके पर हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुनि धनजंय कुमार ने कहा कि आगम मंथ प्रतियोगिता आगम स्वाध्याय व श्रुत संवर्धन का प्रशस्य उपक्रम है। इससे ज्ञान का विकास होता है तथा नए तथ्यों की उपलब्धि होती है।
प्रतियोगिता संयोजक प्रज्ञा सिंघी ने बताया कि प्रतियोगिता के प्रथम चरण में देशभर से करीब १३०० प्रतियोगियों ने भाग लिया। नंदी सूत्र के आधार पर प्रतियोगिता के द्वितीय चरण में कोलकाता, दार्जिलिंग, जयपुर, बालाघाट, उदयपुर, जोधपुर, नोखा, श्रीडूंगरगढ़, सरदारशहर, छापर, सुजानगढ़, रतनगढ़ व लूणकरणसर आदि क्षेत्रों के चयनित कुल ३४ प्रतियोगियों की सहभागिता रही।
जैन विश्वभारती के निदेशक राजेंद्र खटेड़ ने कहा कि प्रतियोगिता में मोनिका छाजेड़ लूणकरणसर ने प्रथम, ममता सांड व विजयश्री मरोठी ने द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। तीनों विजेताओं को आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में होने वाले समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा।
जैन विश्वभारती की ओर से आयोजित आगम मंथन प्रतियोगिता का परिणाम सोमवार को घोषित किए गए।
इस मौके पर हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुनि धनजंय कुमार ने कहा कि आगम मंथ प्रतियोगिता आगम स्वाध्याय व श्रुत संवर्धन का प्रशस्य उपक्रम है। इससे ज्ञान का विकास होता है तथा नए तथ्यों की उपलब्धि होती है।
प्रतियोगिता संयोजक प्रज्ञा सिंघी ने बताया कि प्रतियोगिता के प्रथम चरण में देशभर से करीब १३०० प्रतियोगियों ने भाग लिया। नंदी सूत्र के आधार पर प्रतियोगिता के द्वितीय चरण में कोलकाता, दार्जिलिंग, जयपुर, बालाघाट, उदयपुर, जोधपुर, नोखा, श्रीडूंगरगढ़, सरदारशहर, छापर, सुजानगढ़, रतनगढ़ व लूणकरणसर आदि क्षेत्रों के चयनित कुल ३४ प्रतियोगियों की सहभागिता रही।
जैन विश्वभारती के निदेशक राजेंद्र खटेड़ ने कहा कि प्रतियोगिता में मोनिका छाजेड़ लूणकरणसर ने प्रथम, ममता सांड व विजयश्री मरोठी ने द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। तीनों विजेताओं को आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में होने वाले समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा।
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