असंयति दान देना लौकिक धर्म है -मुनि श्री सुरेश कुमार जी हरनावा
सुरत १५ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
सुरत शहर तेरापंथ भवन में आज दोपहर २ से ३ बजे तक आध्यात्मिक प्रवंचन में आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्ववान संत मुनि श्री सुरेश कुमार जी हरनावा ने दान पुन्य के विषय में बताते हुए आचार्य भिक्षु के मत को स्पष्ट किया की असंयति को दान देना धर्म नहीं यह एक सामाजिक कर्तव्य है . यह लौकिक धर्म है . मुनि श्री ने एक घंटे तक दिए अपने आध्यात्मिक प्रवचन में कहा की हर व्यक्ति को आगम का गहन अध्यन करना चाहिए ताकि श्रावक समाज जैन धर्म के मत को दुसरो के सामने उत्तम तरीके से रख सके . मुनि श्री ने कई बार आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य भिक्षु को याद किया .
सुरत १५ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
सुरत शहर तेरापंथ भवन में आज दोपहर २ से ३ बजे तक आध्यात्मिक प्रवंचन में आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्ववान संत मुनि श्री सुरेश कुमार जी हरनावा ने दान पुन्य के विषय में बताते हुए आचार्य भिक्षु के मत को स्पष्ट किया की असंयति को दान देना धर्म नहीं यह एक सामाजिक कर्तव्य है . यह लौकिक धर्म है . मुनि श्री ने एक घंटे तक दिए अपने आध्यात्मिक प्रवचन में कहा की हर व्यक्ति को आगम का गहन अध्यन करना चाहिए ताकि श्रावक समाज जैन धर्म के मत को दुसरो के सामने उत्तम तरीके से रख सके . मुनि श्री ने कई बार आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य भिक्षु को याद किया .
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