Aug 23, 2012

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सुजानगढ़ २२ अगस्त २०१२ : अहिंसा और शांति की जरूरत : साध्वी राजीमती


सुजानगढ़ २२ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
दस्साणी भवन में साध्वी राजीमती के सानिध्य में पर्युषण पर्व का समापन संवत्सरी महापर्व के रूप में मनाया गया। साध्वी राजीमति ने ने श्रावक समाज को बताया कि भगवान महावीर करूणा मय थे, जिन्होंने अनेक कठिन तपस्याएं करके मानव समाज को शांति और अहिंसा का संदेश दिया जो आज भी प्रासंगिक है। साध्वी ने कहा कि मानव जीवन कई तरह के उतार चढ़ाव से गुजरता है, जिसमें अहंकार पर विजय पाने वाला जीव संपूर्ण जीवन में सुख भोगता है व आगम निगम के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। इस दौरान अजय चोरडिय़ा, विजयसिंह बोरड़, तनसुख लोढ़ा, बाबूलाल फुलफगर, रविंद्र लोढा, संजय बोथरा, तनसुख बैद, सुनीता भूतोडिय़ा, सुशीला बैद व धर्मेंद्र फुलफगर मौजूद थे।


दस्साणी भवन में पर्युषण पर्व के पांचवें दिन अणुव्रत चेतना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में साध्वी राजीमती ने कहा कि वर्तमान दौर में अणुव्रत की महत्ती आवश्यकता है। अगर हम अणुव्रत को पहचान लें तो हमारी बहुत सी कठिनाइयां समाप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि सच्चा अणुव्रती वही है जो व्यसन मुक्त जीवन बिताए इससे पूर्व महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
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