आत्म अराधना का पर्व है संवत्सरी
पडि़हारा २२ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
संवत्सरी तप, साधना, क्षमा, मैत्री व आत्म अराधना का पर्व है। ये विचार साध्वी धर्म प्रभा ने महिला मंडल सभागार में हुई धर्म सभा में व्यक्त किए। कार्यक्रम को साध्वी संयम लता ने भी संबोधित किया। संचालन साध्वी मार्दवश्री ने किया। कार्यक्रम में सुमेरमल सुराणा, रतन जैन, धर्मचंद गोलछा, लक्ष्मीपत, कन्हैयालाल, संपतमल सुराणा, मंजू दूगड़, बसंती देवी, कुमारी मंजू सुराणा उपस्थित थीं। साध्वी धर्म प्रभा के सानिध्य में पर्युषण पर्व के तहत 14 से 21 अगस्त तक अखंड जप व तपस्या भी चली।
पडि़हारा २२ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
संवत्सरी तप, साधना, क्षमा, मैत्री व आत्म अराधना का पर्व है। ये विचार साध्वी धर्म प्रभा ने महिला मंडल सभागार में हुई धर्म सभा में व्यक्त किए। कार्यक्रम को साध्वी संयम लता ने भी संबोधित किया। संचालन साध्वी मार्दवश्री ने किया। कार्यक्रम में सुमेरमल सुराणा, रतन जैन, धर्मचंद गोलछा, लक्ष्मीपत, कन्हैयालाल, संपतमल सुराणा, मंजू दूगड़, बसंती देवी, कुमारी मंजू सुराणा उपस्थित थीं। साध्वी धर्म प्रभा के सानिध्य में पर्युषण पर्व के तहत 14 से 21 अगस्त तक अखंड जप व तपस्या भी चली।
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