टापरा 02 फरवरी 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
टापरा के साधु, साध्वियों व समणियों ने अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत के इस क्रम में मुनि दिनेश कुमार ने अपने श्रद्धासिक्त समर्पित भावों की पूज्यपाद में अभिव्यक्ति दी। मुनि जय कुमार ने गुरूदेव की अभ्यर्थना करते हुए कहा कि प्रभु! आपकी सेवा करते वक्त मुझे यूं लगता है जैसे में गुरूदेव महाप्रज्ञ की ही सेवा कर रहा हूं। मेरे भीतर प्रभु सिर्फ आप है। उन्होंने कविता का पाठ करते हुए कहा कि तुम तो ऐसे दिव्य ग्रंथ हो, बार-बार पारायण कर लूं। मुनि रोहित कुमार ने अपना समर्पण व्यक्त करते हुए गीत की प्रस्तुति देते हुए कहा कि हनुमान बन कर मनाऊं। साध्वी जयंतमाला, साध्वी मौलिकयशा ने पूज्यवर का अपने पैतृक गांव में भावपूर्ण स्वागत किया। समणी अक्षयप्रज्ञा व समणी पावनप्रज्ञा ने अपने श्रद्धाप्रणति देते हुए स्वागत किया।
टापरा के साधु, साध्वियों व समणियों ने अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत के इस क्रम में मुनि दिनेश कुमार ने अपने श्रद्धासिक्त समर्पित भावों की पूज्यपाद में अभिव्यक्ति दी। मुनि जय कुमार ने गुरूदेव की अभ्यर्थना करते हुए कहा कि प्रभु! आपकी सेवा करते वक्त मुझे यूं लगता है जैसे में गुरूदेव महाप्रज्ञ की ही सेवा कर रहा हूं। मेरे भीतर प्रभु सिर्फ आप है। उन्होंने कविता का पाठ करते हुए कहा कि तुम तो ऐसे दिव्य ग्रंथ हो, बार-बार पारायण कर लूं। मुनि रोहित कुमार ने अपना समर्पण व्यक्त करते हुए गीत की प्रस्तुति देते हुए कहा कि हनुमान बन कर मनाऊं। साध्वी जयंतमाला, साध्वी मौलिकयशा ने पूज्यवर का अपने पैतृक गांव में भावपूर्ण स्वागत किया। समणी अक्षयप्रज्ञा व समणी पावनप्रज्ञा ने अपने श्रद्धाप्रणति देते हुए स्वागत किया।
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