मंडी गोबिंदगढ़
स्थानीय तेरापंथ भवन में महातपस्वी अणुव्रत अनुशास्ता श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना जी के सान्निध्य में भगवान महावीर जयंती श्रद्धा भावना से से मनाई गई।
इस पावन अवसर पर साध्वी श्री सुदर्शना जी ने प्रवचन करते कहा कि भारतीय संस्कृति के दैदीप्यमान नक्षत्र हैं। भगवान महावीर ने अपनी संपूर्ण दीप्ति के साथ उद्भाषित हो जन-जन को आलोकित किया। भगवान महावीर की चारित्रिक आभा, मृत्युंजयीत तपसाधना, अनाहत ज्ञान धारा और समुच्चवल सम्यकरण की प्रथा पूंजीभूत होकर संपूर्ण मानव समाज को प्रभास्वर किया। उनके महत्वपूर्ण अवदान जी सुन्दर प्रस्तुति, श्री लक्षित प्रभा जी अनेक रोचक प्रसंग सुनाए।
इस मौके शिरोमणि अकाली दल बादल के जिला अध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा ने कहा कि हम सभी को भगवान महावीर जी की ओर से दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प करना चाहिए। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल, स्थानीय अध्यक्ष रमेश मित्तल, पंजाब अणुव्रत प्रभारी लक्ष्मी मित्तल, जस्सा सिंह आहूलवालिया, जितेन्द्र सिंह धालीवाल, हरमीत सिंह खालसा, भिंदर सिंह, परमजीत सिंह, प्रवीण जैन, रामनिवास जैन, रामगोपाल जैन,जोगेन्द्रपाल, गगनदीप जैन, सरीता जैन, इन्द्र सेन, पवन, पदमा, नरेश कुमारी के अलावा साधक साधिकाएं शामिल थे।
स्थानीय तेरापंथ भवन में महातपस्वी अणुव्रत अनुशास्ता श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना जी के सान्निध्य में भगवान महावीर जयंती श्रद्धा भावना से से मनाई गई।
इस पावन अवसर पर साध्वी श्री सुदर्शना जी ने प्रवचन करते कहा कि भारतीय संस्कृति के दैदीप्यमान नक्षत्र हैं। भगवान महावीर ने अपनी संपूर्ण दीप्ति के साथ उद्भाषित हो जन-जन को आलोकित किया। भगवान महावीर की चारित्रिक आभा, मृत्युंजयीत तपसाधना, अनाहत ज्ञान धारा और समुच्चवल सम्यकरण की प्रथा पूंजीभूत होकर संपूर्ण मानव समाज को प्रभास्वर किया। उनके महत्वपूर्ण अवदान जी सुन्दर प्रस्तुति, श्री लक्षित प्रभा जी अनेक रोचक प्रसंग सुनाए।
इस मौके शिरोमणि अकाली दल बादल के जिला अध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा ने कहा कि हम सभी को भगवान महावीर जी की ओर से दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प करना चाहिए। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल, स्थानीय अध्यक्ष रमेश मित्तल, पंजाब अणुव्रत प्रभारी लक्ष्मी मित्तल, जस्सा सिंह आहूलवालिया, जितेन्द्र सिंह धालीवाल, हरमीत सिंह खालसा, भिंदर सिंह, परमजीत सिंह, प्रवीण जैन, रामनिवास जैन, रामगोपाल जैन,जोगेन्द्रपाल, गगनदीप जैन, सरीता जैन, इन्द्र सेन, पवन, पदमा, नरेश कुमारी के अलावा साधक साधिकाएं शामिल थे।
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