अमृत महोत्सव का चतुर्थ चरण आयोजित
Updated on: Sun, 29 Apr 2012
असम-बंगाल बॉर्डर पर गूंजा महाश्रमण का नाम
कूचबिहार : जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी के पावन सानिध्य में अमृत महोत्सव का चतुर्थ चरण हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। असम-बंगाल बॉर्डर पर सीमावर्ती वेलगुड़ी ग्राम के हाईस्कूल के प्रांगण में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्री जैन श्री तेरापंथ सभा, धुबड़ी द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए विदुषी साध्वी श्रीनिर्वाणश्री जी ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी का जन्म दिन पूरी मानव जाति का जन्म दिन है। उन्होंने कहा कि आपश्री के इस दो वर्षीय शासनकाल में ज्ञान, दर्शन की अभिवृद्धि हो रही है।गुरुदेव के गुण की महिमा के गान में विश्वास नहीं रखते, उन्हें साधना व आराधना की धुनी रमाना पसंद है। जन्म दिन पर सभी कुछ संकल्प लें। अपने विचारों की सशक्त अभिव्यक्ति में साध्वी श्री डा.योगक्षेम प्रभाजी ने कहा कि एक तेजस्वी आभावलय, मोहक व्यक्तित्व व वर्चस्वी कर्तव्य का नाम है आचार्य श्रीमहाश्रमण ग्रंथ व पंथ की सीमा से असीम आचार्य श्रीमहाश्रमण जी का व्यक्तित्व विश्व-चेतना का प्रतिनिधि है। पूरी मानवता के उत्थान की अभिलाषा लिए वे यात्रा कर रहे हैं। उनकी वाणी सभी को शीतलता प्रदान करता है। गुवाहाटी सभा के मंत्री निर्मल जी ने आराध्य की अभ्यर्थना में कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण मानव जाति के मसीहा हैं। अहिंसा के पुरोधा हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ धुबड़ी महिला मंडल के मंगल संगीत से हुआ। सभा में अध्यक्ष अभय जी बुच्चा ने समागत अतिथियों का स्वागत किया। भावों की अभिव्यक्ति के क्रम में विलासीपाड़ा से धनराज जी मणोत, कोकराझाड़ से मोतीलाल जी , गौरीपुर से विजय ौिंह , गोलकगंज से तारा सेठिया, जयगांव से गणेशमल की सरावगी, कूचबिहार से कमल भंसाली, जयगांव की किरण धाजेड़, तूफानगंज से भाणकभेसाली, बक्सीरहाट के नवरतन, अगमनी के पन्नालाल जी संचेती आदि ने अपने भावों की अभिव्यक्ति से आराधना व अभ्यर्थना की। मधुर संगायक छत्रजी बुच्चा ने गीत संगीत किया। धन्यवाद ज्ञापन सभा के मंत्री अनोप जी सेठिया ने किया। वेलगुड़ी हाईस्कूल के प्राचार्य अब्दुल ने अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए सहयोग की भावना प्रस्तुत की।
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