बालोतरा |
आचार्य तुलसी का स्वप्न था कि मैं देश, समाज व राष्ट्र को आगे बढ़ाऊं। उन्होंने जीवन भर काम किए। गण के भंडार को समृद्ध किया। उनका अंतिम उपहार है श्रावक संबोध। महातपस्वी आचार्य महाश्रमण की विशेष प्रेरणा रही है आचार्य तुलसी शताब्दी वर्ष पर अधिक से अधिक श्रावक संबोध को कंठस्थ करे। उसके अर्थ का बोध करे। यह बात गुरुवार को तेरापंथ महिला मंडल बालोतरा के तत्वाधान में तेरापंथ भवन में आयोजित श्रावक संबोध की लिखित प्रतियोगिता के दौरान साध्वी लक्ष्यप्रभा ने कही।प्रतियोगिता की शुरूआत साध्वी के मंगल पाठ से हुई। प्रतियोगिता में विमला गोलेच्छा, नयना छाजेड़, शोभा डागा, कविता सालेचा ने व्यवस्थाओं में योगदान दिया। प्रतियोगिता का निरीक्षण साध्वी लक्ष्यप्रभा, सविता श्री, मीमांसा प्रभा व वसुधा ने किया। |
Jul 21, 2012
बालोतरा : श्रावक संबोध प्रतियोगिता आयोजित 20 Jul-2012
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Balotra
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